वन आवरण

jharkhand isfr 2023 report

Jharkhand Forest ISFR 2023 Key Insights with Essential MCQs

झारखंड के वन क्षेत्र : ISFR 2023

भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट (India State of Forest Report – ISFR) 2023 झारखंड के वन क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति और उनमें हो रहे परिवर्तनों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।

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झारखंड के वन क्षेत्र: एक नज़र में

झारखंड भारत के महत्वपूर्ण वन क्षेत्रों में से एक है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किमी है, जिसमें से लगभग 23,721 वर्ग किमी (29.76%) क्षेत्र वनों से आच्छादित है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जो झारखंड के वनों के महत्व को दर्शाता है।

 

वन आवरण का वर्गीकरण

 

ISFR 2023 के अनुसार, झारखंड में वन आवरण को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:

  • अति घने वन (Very Dense Forest): 3,008 वर्ग किमी (3.77%)
  • मध्यम घने वन (Moderately Dense Forest): 9,686 वर्ग किमी (12.15%)
  • खुले वन (Open Forest): 11,027 वर्ग किमी (13.83%)
  • झाड़ीदार वन (Scrub): 608 वर्ग किमी (0.76%)
  • गैर-वन क्षेत्र (Non-Forest Area): 55,385 वर्ग किमी (69.48%)

 

वन क्षेत्र में परिवर्तन

 

ISFR 2023 की पिछली रिपोर्ट (ISFR 2021) की तुलना में झारखंड के वन क्षेत्र में मामूली परिवर्तन देखा गया है:

  • वन क्षेत्र में कुल बढ़ोतरी: 126 वर्ग किमी
  • अति घने वनों में वृद्धि: 35 वर्ग किमी
  • मध्यम घने वनों में वृद्धि: 44 वर्ग किमी
  • खुले वनों में वृद्धि: 47 वर्ग किमी

यह वृद्धि राज्य सरकार के वनीकरण प्रयासों, सामुदायिक भागीदारी और वन संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों का परिणाम है।

वन संपदा और जैव विविधता

 

झारखंड के वन विविध प्रकार के पेड़-पौधों और वन्यजीवों का घर हैं। ISFR 2023 के अनुसार:

  • प्रमुख वृक्ष प्रजातियां:  साल, महुआ, पलाश, सागौन, सेमल, गम्हार, आदि।
  • प्रमुख वन्यजीव प्रजातियां: हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय, चीतल, सांभर आदि।
  • औषधीय पौधे: 1,500 से अधिक औषधीय पौधों की प्रजातियां राज्य के वनों में पाई जाती हैं।

वन संसाधन और अर्थव्यवस्था

 

झारखंड के वन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं:

  • वन उत्पाद: झारखंड के वन लाख, तेंदू पत्ता, महुआ, चिरौंजी, हर्रा, बहेड़ा, आंवला जैसे कई गैर-काष्ठ वन उत्पादों के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • आदिवासी आजीविका: राज्य की लगभग 30% आदिवासी आबादी अपनी आजीविका के लिए वनों पर निर्भर है।
  • कार्बन भंडारण:  ISFR 2023 के अनुसार, झारखंड के वन लगभग 147.6 मिलियन टन कार्बन स्टॉक संग्रहित करते हैं।

वनों के सामने चुनौतियां

 

ISFR 2023 ने झारखंड के वनों के सामने आने वाली कई चुनौतियों की पहचान की है:

  • अवैध कटाई: विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध लकड़ी कटाई एक बड़ी समस्या है।
  • खनन गतिविधियां: राज्य में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है, और खनन गतिविधियां वन क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं।
  • वन अग्नि: गर्मी के मौसम में वन अग्नि की घटनाएँ वन पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाती हैं।
  • अतिक्रमण: वन क्षेत्रों पर बढ़ता अतिक्रमण वन संसाधनों के लिए एक प्रमुख खतरा है।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव वन पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं।
    वन संरक्षण की पहल

 

 

ISFR 2023 ने झारखंड में वन संरक्षण की दिशा में उठाए गए कई सकारात्मक कदमों का भी उल्लेख किया है:

 

  1. हरित झारखंड मिशन: इस मिशन के तहत राज्य में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जा रहा है
  2. सामुदायिक वन प्रबंधन: स्थानीय समुदायों को वन प्रबंधन में शामिल करने की पहल।
  3. वृक्षारोपण अभियान: ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों से जन जागरूकता बढ़ी है।
  4. वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन: आदिवासी और अन्य परंपरागत वन निवासियों के अधिकारों की मान्यता।
  5. जल संरक्षण कार्यक्रम: वन क्षेत्रों में जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण।

ISFR 2023 के आधार पर बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

 

प्रश्न 1: ISFR 2023 के अनुसार झारखंड में कुल वन आवरण क्षेत्र कितना है?

A) 23,721 वर्ग किमी
B) 25,327 वर्ग किमी
C) 18,679 वर्ग किमी
D) 30,452 वर्ग किमी
उत्तर: A) 23,721 वर्ग किमी

 

प्रश्न 2: झारखंड में सबसे अधिक क्षेत्र किस प्रकार के वन से आच्छादित है?

A) अति घने वन
B) मध्यम घने वन
C) खुले वन
D) झाड़ीदार वन
उत्तर: C) खुले वन

 

प्रश्न 3: ISFR 2023 के अनुसार, पिछली रिपोर्ट की तुलना में झारखंड के वन क्षेत्र में कितनी वृद्धि हुई है?

 

A) 126 वर्ग किमी
B) 235 वर्ग किमी
C) 98 वर्ग किमी
D) 312 वर्ग किमी

उत्तर: A) 126 वर्ग किमी

 

प्रश्न 4: झारखंड के वनों में सबसे प्रमुख वृक्ष प्रजाति कौन सी है?

 

A) सागौन
B) साल
C) देवदार
D) नीम
उत्तर: B) साल

 

प्रश्न 5: ISFR 2023 के अनुसार, झारखंड के वनों द्वारा संग्रहित कार्बन स्टॉक लगभग कितना है?

 

A) 147.6 मिलियन टन
B) 156.8 मिलियन टन
C) 128.3 मिलियन टन
D) 165.2 मिलियन टन
उत्तर: A) 147.6 मिलियन टन

 

प्रश्न 6: झारखंड में वनों के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

 

A) अवैध कटाई
B) खनन गतिविधियां
C) वन अग्नि
D) अतिक्रमण
उत्तर: B) खनन गतिविधियां

 

प्रश्न 7: झारखंड में वन संरक्षण के लिए चलाए जा रहे मिशन का नाम क्या है?

 

 

A) हरित भारत मिशन
B) हरित झारखंड मिशन
C) वन संरक्षण मिशन
D) जल-जंगल-जमीन मिशन
उत्तर: B) हरित झारखंड मिशन

 

प्रश्न 8: ISFR 2023 के अनुसार, झारखंड के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत वनों से आच्छादित है?

 

A) 23.76%
B) 29.76%
C) 31.52%
D) 25.83%
उत्तर: B) 29.76%

 

प्रश्न 9: झारखंड के वनों में कितने प्रकार की औषधीय पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं?

 

 

A) 800 से अधिक
B) 1,000 से अधिक
C) 1,500 से अधिक
D) 2,000 से अधिक
उत्तर: C) 1,500 से अधिक

 

प्रश्न 10: झारखंड के वनों से प्राप्त होने वाला प्रमुख गैर-काष्ठ वन उत्पाद है:

 

A) चंदन
B) रेशम
C) लाख
D) रबड़
उत्तर: C) लाख

 

ISFR 2023 के आधार पर कहा जा सकता है कि झारखंड के वन क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। राज्य सरकार और स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयासों से वन आवरण में वृद्धि हो रही है। हालांकि, खनन गतिविधियां, अवैध कटाई, वन अग्नि और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं, जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।

वन संरक्षण और सतत विकास के बीच संतुलन बनाए रखना झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए नवीन तकनीकों का उपयोग, स्थानीय समुदायों की भागीदारी और नीतिगत हस्तक्षेप आवश्यक है। ISFR 2023 से प्राप्त अंतर्दृष्टि इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने में मदद कर सकती है।